2026 से बीएड, एमएड और आईटीईपी में राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा के जरिए होगा एडमिशन
शैक्षणिक सत्र 2026-27 से बीएड, एमएड और चार वर्षीय एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (आईटीईपी) में दाखिला राष्ट्रीय संयुक्त प्रवेश परीक्षा (एनसीईटी) के आधार पर किया जाएगा। इस परीक्षा का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा तीन अलग-अलग स्तरों पर किया जाएगा। छात्रों को प्रवेश परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर मेरिट लिस्ट तैयार की जाएगी और उसी के अनुसार प्रवेश दिया जाएगा।
🔑 मुख्य बिंदु:
- प्रवेश प्रक्रिया में बड़ा बदलाव:
वर्तमान में बीएड और एमएड कोर्स में एडमिशन के लिए विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की अलग-अलग प्रवेश परीक्षाओं और अंकों के आधार पर सीटें आवंटित की जाती हैं। - 統一 प्रक्रिया:
2026 से सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को एनटीए द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संयुक्त प्रवेश परीक्षा के आधार पर ही दाखिला देना अनिवार्य होगा। - पंजीकरण प्रक्रिया:
परीक्षा की घोषणा 2024 के अंत तक कर दी जाएगी, जिसके बाद सभी संबंधित कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को एनटीए के पास पंजीकरण कराना होगा, ताकि छात्रों को अपने विकल्पों की स्पष्ट जानकारी मिल सके।
🎯 शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार पर जोर
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी) के तहत एनसीटीई रेगुलेशन 2025 तैयार किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है। एनईपी के अनुसार, शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के पाठ्यक्रम में व्यापक बदलाव किए गए हैं। अब इन कोर्सेज की पढ़ाई के दौरान गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण सुनिश्चित किया जाएगा।
🌟 प्रवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता और समानता
इस नई प्रवेश प्रणाली से:
- दाखिले में पारदर्शिता बढ़ेगी।
- सभी छात्रों के लिए समान अवसर उपलब्ध होंगे।
- गुणवत्तापूर्ण शिक्षक तैयार किए जा सकेंगे, जिससे स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता भी सुधरेगी।
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